रोटी के आगे | Best 3 Motivational Ghazals
Best 3 Motivational Ghazals Roti Ke Aage कितने टूटे, कितनों का मन हार गया रोटी के आगे हर दर्शन हार गया ढूँढ रहा है रद्दी में क़िस्मत अपनी खेल-खिलौनों वाला बचपन हार गया ये है जज़्बाती रिश्तों का देश, यहाँ विरहन के आँसू से सावन हार गया मन को ही सुंदर करने की कोशिश कर अब तू रोज़ बदल कर दर्पन हार गया ताक़त के सँग नेक इरादे भी रखना वर्ना ऐसा क्या था रावन हार गया Do Waqt Ki Roti Nhi देश और समाज को देखूं क्या मज़ाक है दो वक्त़ की रोटी नहीं ये कोई मज़ाक है हौसले ले के तो पैदा हुआ था बहुत मगर खड़े होने को जगह नहीं कैसा मज़ाक है तमन्ना तो रही थी तुलसी कब़ीर बनने की दाऊद, राजन जमाने का भीषण मज़ाक है शाम से भूखे और सुबह आपका ये दावा लाओगे कुल्हड़ में तूफ़ान बढ़िया मज़ाक है असम, बिहार में बाढ़ और दिल्ली में गरमी कभी तो बदले सिलसिला अच्छा मज़ाक है देखे है रवि अपने भविष्य के सुनहरे सपने...