रोटी के आगे | Best 3 Motivational Ghazals

Best 3 Motivational Ghazals

                          Roti Ke Aage


कितने टूटे, कितनों का मन हार गया
रोटी के आगे हर दर्शन हार गया

ढूँढ रहा है रद्दी में क़िस्मत अपनी
खेल-खिलौनों वाला बचपन हार गया

ये है जज़्बाती रिश्तों का देश, यहाँ
विरहन के आँसू से सावन हार गया

मन को ही सुंदर करने की कोशिश कर
अब तू रोज़ बदल कर दर्पन हार गया

ताक़त के सँग नेक इरादे भी रखना
वर्ना ऐसा क्या था रावन हार गया


                        Do Waqt Ki Roti Nhi


देश और समाज को देखूं क्या मज़ाक है
दो वक्त़ की रोटी नहीं ये कोई मज़ाक है

हौसले ले के तो पैदा हुआ था बहुत मगर
खड़े होने को जगह नहीं कैसा मज़ाक है

तमन्ना तो रही थी तुलसी कब़ीर बनने की
दाऊद, राजन जमाने का भीषण मज़ाक है

शाम से भूखे और सुबह आपका ये दावा
लाओगे कुल्हड़ में तूफ़ान बढ़िया मज़ाक है

असम, बिहार में बाढ़ और दिल्ली में गरमी
कभी तो बदले सिलसिला अच्छा मज़ाक है

देखे है रवि अपने भविष्य के सुनहरे सपने
लगता है किया किसी ने तुच्छ मज़ाक है




                Jhooth Ke Saaye Me Sach 




झूठ के साए में सच पलते नहीं
हम किसी क़ातिल से हैं डरते नहीं

हर बड़ी इच्छा हैं वो पाले हुए
और कुछ भी हैं कर्म करते नहीं

वक्त ने कुंदन बनाया हो जिसे
वो किसी भी आग से डरते नहीं

वो मसीहा नाम से मशहूर हैं
दुःख ग़रीबों के कभी हरते नहीं

यूँ तो थोड़े बदमिज़ाज हम भी हैं
बेवजह पर हम कभी लड़ते नहीं

*Collected From Social Media


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