radio and tv production techniques, media production techniques, production elements notes in hindi
रेडियो, दूरदर्शन एवं सिनेमा से सम्बंधित मुख्य तथ्य
Radio, tv and cinema important points |
radio and tv production techniques, media production techniques, production elements notes in hindi
Radio, tv and cinema important points
वाशिंगटन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार संसार का 80% जनसंचार पश्चिमी देशों के कब्जे में है, केवल 20% जनसंचार ही विकासशील व विकसित देशों के अधिकार में है।
भारत में दूरदर्शन 50 के दशक में शुरू हुआ था।
राष्ट्रसंघ की एक रिपोर्ट के अनुसार 60% लोग टीवी जन-सम्पर्क के अभियान से अन्तर्मुखी हो गए हैं।
भारत में प्रति व्यक्ति उपभोक्ता मनोरंजन कर 3.5 से 4 डॉलर पड़ता है।
भारत में वर्ष 2009 और वर्ष 2010 फिल्म उद्योग के लिए काफी दुखद भरा रहा।
रेडियो का निजीकरण 90 के दशक में किया गया था।
रेडियो प्रसारण की शुरूआत 24 दिसम्बर, 1906 हुई थी।
वर्ष 1936 में भारत में इम्पीरियल रेडियो ऑफ इण्डिया की शुरूआत की गई थी।
दोस्तो हमारे यूट्यूब चैनल पर mass Communication की फ्री classes शुरू कर दी गई है। अगर आप का रेस्पोंस अच्छा रहता है तो सभी टॉपिक की क्लास लगाई जाएगी इसके लिए आप नीचे दिए गए लिंक से चैनल को सब्सक्राइब कर लें।
भारत की पहली रेडियो उद्घोषक उषा मेहता थी।
रेडियो ग्राहकों का पता दो प्रकार के सर्वेक्षणों, यथा-भारतीय पाठक सर्वेक्षण और रेडियो श्रोता सर्वेक्षण के तहत किया जाता है।
रेडियो श्रोता सर्वेक्षण के अन्तर्गत भारत के चार महानगरों की जनसंख्या के ऊपर ध्यान दिया जाता है।
भारत में विज्ञापनों का हिस्सा GDP का महज 0.53% ही है।
दूरदर्शन की शुरूआत 15 दिसम्बर, 1959 में हुई थी।
वर्ष 1982 में सर्वप्रथम प्रधानमन्त्री के लाल किले से प्रसारण को पूरे देश में सुना गया था।
प्रारम्भिक समय में भारत में अपना व्यवसाय करने वाले सभी विदेशी चैनल अपना प्रसारण सिंगापुर से करते थे।
आर के नारायण के उपन्यास मालगुडी डेज व गाइड पर फिल्में बनी है।
फणीश्वर नाथ रेणु के उपन्यास 'मैला आँचल' पर राजकपूर अभिनीत तीसरी कसम का
निर्माण हुआ है।
radio and tv production techniques, media production techniques, production elements notes in hindi
भारतीय उपन्यासकार विकास स्वरूप के द्वारा लिखी पुस्तक क्यू एण्ड ए को आधार बनाकर स्लमडॉग मिलेनियर नामक फिल्म बनी है।
'संगम' एवं 'मेरा नाम जोकर' राजकपूर द्वारा निर्देशित दो ऐसी अनूठी फ़िल्में हैं, जिसमें दो बार मध्यान्तर हुआ था।
सबसे पहले सोहराव मोदी द्वारा शेक्सपीयर के नाटक हेमलेट पर 'खून का खून' नामक
फिल्म का निर्माण किया था।
हिमांशु राय ने फिल्म निर्माण संस्था बाम्बे टॉकीज की स्थापना की थी।
न्यायालय की अवमानना कानून पूरी जानकारी - अभी पढ़ें
Post a Comment
0 Comments