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समाचार के प्रकार Types of news | mass communication notes in hindi

समाचार के प्रकार Types Of News mass communication notes in hindi



is post me aap samachar ke parkar kis kis aadhar pr hote hain or kitne parkar ke samachar hote hain padhenge
 
Types Of News mass communication notes in hindi
                  

 Types Of News mass communication notes in hindi



Journalism and mass communication notes in hindi पत्रकारिता एवं जनसंचार नोट्स हिंदी में

समाचार विभाजन स्वरूप के आधार पर

समाचार विभाजन का अर्थ है, कि समाचार को किस प्रकार से प्रस्तुत अथवा प्रसारित किया जाए? समाचार दो प्रकार के हैं

व्याख्यात्मक समाचार 

इस प्रकार के समाचार में किसी घटना की गहन छानबीन की जाती है। उसके सन्दर्भ में समग्र रूप से दिखाया जाता है और प्रत्येक पहलू पर प्रकाश डाला जाता है। इसके लिए घटना के खास पहलुओं पर भी विशेष बल दिया जाता है।

सीधा समाचार 

सीधा समाचार वह है जिसमें सरल, स्पष्ट और सही तथ्यात्मक विवरण प्रस्तुत किया जाए। इसमें तथ्यों को, तुरन्त जैसे-का-तैसा ही प्रस्तुत किया जाता है। इसमें कोई छेड़छाड़ समाचारों के साथ नहीं की जाती है।

समाचार विभाजन घटना के आधार पर

समाचार की जननी घटना को कहा जा सकता है। इसलिए समाचार को घटना के महत्त्व के सन्दर्भ सें दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।

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मुख्य समाचार

यह इस प्रकार के समाचार होते हैं जिसमें उन घटनाओं को दिखाया जाता है, जोकि विशेष रूप से गरमागरम अद्यतन होते हैं अत जिनमें गुणों का समावेश अधिक होता हैं। यह समाचार मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित किए जाते हैं।

व्यापक समाचार

इस प्रकार के समाचारों का महत्त्व इतना अधिक होता कि मानों यह पूर्ण पृष्ठ पर छा गए हों। यह इतने बड़े हो सकते हैं कि क्रमश: करके दूर किसी पृष्ठ पर भी इसका कण्टीन्यूशन पढ़ा जा सकता है।


अन्तर्राष्ट्रीय समाचार 

विदेशों से आने वाले समाचार अन्तर्राष्ट्रीय समाचार कहलाते हैं। इनका चयन देशों के हित एवं अहित को देखकर किया जाता है। जिन समाचारों का सम्बन्ध अपने पड़ोसी देशों से होता है, उनको छपने के लिए चयन कर लिया जाता है। पड़ोसी देशों की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक आदि घटनाओं से सम्बन्धित समाचारों का भी चयन किया जाता है। विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों के जीवन से जुड़े समाचारों को भी पत्रों में स्थान दिया जाता है।

राष्ट्रीय समाचार 

राष्ट्रीय समाचारों का सम्बन्ध अपने देश के समाचारों से है। पत्र में सबसे अधिक राजनीतिक समाचारों को महत्त्व मिलता है। क्योंकि जनता राजनीतिक समाचारों को सबसे ज्यादा पढ़ना पसन्द करती है। वैसे भी समाचार-पत्रों का रुझान रचनात्मक बातों की ओर कम नकारात्मक बातों की तरह अधिक होता है। मन्त्रियो के भाषण इनके समाचार बन जाते हैं। जबकि किसान, मजदूर , व्यापारी, दस्तकारों के कारनामे लुप्त हो जाते हैं। कला विज्ञान एवं साहित्य से सम्बन्धित समाचार -पत्र दूसरे नम्बर का समाचार मानते हैं। श्रमिक, महिला, बाल, कृषि, गाँव-देहात, पशु-पक्षी, मनोरंजन एवं कला को ध्यान में रखकर समाचार का चयन करना चाहिए।

प्रादेशिक समाचार 

सुविधा की दृष्टि से प्रादेशिक समाचारों को दो भागों में बाँटा जा सकता है (1) समाचार समितियाँ, (2) विशेष संवाददाता।

प्रादेशिक समाचार
ये समाचार-पत्रों के अन्दर के पृष्ठों में नजर आते हैं। यदि कोई प्रादेशिक समाचार महत्त्वपूर्ण समझा जाता है, तो उसे प्रमुखता से प्रथम पृष्ठ पर छाप दिया जाता है जैसे- अयोध्या का मामला एक प्रादेशिक समाचार था, लेकिन इसके साथ देश के लोगों की आस्था जुड़ी थी। राजनीतिक गलियारों में यह मामला गूँजने लगा था, इसलिए समाचार-पत्र वालों ने समाचार-पत्रों के अन्दर के पृष्ठों पर न छापकर प्रथम पृष्ठ पर छापना उचित समझा।

स्थानीय समाचार
स्थानीय समाचारों से समाचार-पत्र गतिशील होते हैं। नगर संवाददाता, कार्यालय संवाददाता स्थानीय समाचारों का चयन करते हैं। मुख्य रूप से स्थानीय समाचार, समाचार-पत्र के तीसरे पृष्ठ पर प्रकाशित होते हैं। जब समाचार बड़ा होता है, तो प्रथम पृष्ठों पर भी छाप दिया जाता है। पर यह सच है कि स्थानीय समाचारों के बिना समाचार-पत्र पाठकों तक नहीं पहुँच सकते।


इन चार वर्गों के अन्तर्गत निम्नलिखित समाचारों को समाहित किया जा सकता है

भाषण-समाचार 

भारतीय समाचार-पत्रों में भाषण के समाचारों की भरमार रहती है। अधिकतर भाषण लम्बे और बेतुके होते हैं। परन्तु उन्हें देना आवश्यक होता है, चाहे वह जिस प्रकार के हो। भाषण के समाचारों का सम्पादन करते समय वक्ता के अति महत्त्वपूर्ण और मार्मिक विचारों को आमुख में प्रस्तुत किया जाता है। वस्तुत: विभिन्‍न नेताओं, विद्वानों तथा विषय-विशेषज्ञों के भाषणों से जो समाचार प्राप्त होते हैं, उन्हें भाषण-समाचार की संज्ञा दी जाती है।


डाक समाचार 

नगरों से दूर स्थित संवाददाता डाक के द्वारा संवाद भेजते हैं, जो कुछ विलंम्ब से कार्यालय में पहुंचता है। दूरस्थ व्यक्तियों के सुख-दुःख को सुनने, जानने की ललक में पाठक ऐसे समाचार पढ़ना चाहते हैं। फलत: सम्पादक ऐसी खबरों को बासी होने पर भी शामिल करते हैं।

मौसम समाचार 

मौसम समाचार दो प्रकार के होते हैं--सामान्य तथा विशेष।
सामान्य समाचार वे हैं, जो दिन-प्रतिदिन के मौसमी हालात का विवरण देते हैं। अक्सर स्थानीय तौर पर मौसम विज्ञान का दफ्तर मोटी-मोटी बातों का अपनी दैनिक विज्ञप्ति में विवरण देता है जैसे- तापमान, मौसम का पूर्वानुमान, मौसम कैसा रहा, आकाश में बादल थे या नहीं इत्यादि।

विज्ञान समाचार 

विज्ञान के क्षेत्र में नई उपलब्धियाँ, जीवनोपयोगी आविष्कार, कल्याणकारी खोजें इत्यादि ऐसे विषय हैं, जिन पर रिपोर्टिंग लाभदायक सिद्ध होती है। विज्ञान से हमारा जीवन कितना सुधरा हैं, नए मूल्यों का निर्माण हुआ, एक नई संस्कृति ने जन्म लिया, इन सब तथ्यों को उजागर करके पत्रकार विज्ञान की सफलता पर प्रकाश डालता है।

संसद समाचार 

राष्ट्रीय संसद और राज्यों के विधानमण्डलों की कार्यवाही में जनता को दिलचस्पी होना स्वाभाविक है संसद हो या विधानमंडल अपने-अपने क्षेत्रों में ये संस्थाएँ समाचारों के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। सामान्यतः वर्ष में एक बार राष्ट्रीय संसद में राष्ट्रपति और राज्य के विधानमंडलों में राज्यपाल अपना अभिभाषण देते हैं, जिनमें राष्ट्र तथा राज्यों की अंतर्मुखी स्थिति का चित्र प्रस्तुत किया जाता है। इस तरह समाचार देने का एक बड़ा अवसर बन जाता है।

अपराध समाचार 

चोरी, डकेती, अपहरण, बलात्कार, हत्या, तस्करी, भ्रष्टाचार, चोरबाजारी, घूसखोरी और अनेक समाज विरोधी घटनाओं के  नियमित प्रकाशन की स्पर्द्धा में भारत के पत्र आगे निकल चुके हैं। स्थिति यह है कि कुछ पत्र इन अनैतिक समाचारों के सचित्र विशद्‌ विवरण द्वारा पाठकों को सच्चाई के नाम पर दिग्भ्रमित कर रहे हैं। वस्तुत: अपराध से संबंधित घटनाओं को अपराध समाचार कहा जाता है। इन घटनाओं को पाठक दिलचस्पी के साथ पढ़ते हैं। समाचार-पत्र इन समाज विरोधी घटनाओं को आकर्षक बनाकर प्रस्तुत करते हैं, जिससे पत्र जल्दी और ज्यादा संख्या में बिके।

खेल समाचार 

 हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, कब्बड्डी, शतरंज आदि खेलों की जानकारी व इनसे संबंधित खिलाड़ियों की जानकारी को खेल समाचार कहा जाता है। खेलों से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताएं कब और कहाँ हो रही है?कौन से खिलाड़ी खेल रहे हैं और कौन से नहीं खेल रहे हैं, किस-किस देश में प्रतियोगिता हो रही है? कौन मेजबानी कर रहा है या किस शहर में प्रतियोगिताएँ हो रही है? कौन-सी राष्ट्रीय टीमें सम्मिलित हैं यह सब जानकारियां खेल से समाचार में  दी जाती हैं। खेल समाचारों के अलग संवाददाता नियुक्त किए जाते हैं जो सिर्फ खेलों से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराते हैं।


रोजगार समाचार 

किसी शहर में नया कारखाना खुल जाने से उसकी काया ही पलट जाती है। सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि बहुत-से नए लोग वहाँ आकर आबाद हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें यहाँ रोजगार मिल जाता है| रोजगार के समाचारों में पाठकों की दिलचस्पी सदा ही बनी रहती है। इन समाचारों में सरकारी संस्थानों व प्राइवेट संस्थाओं में नई भर्ती प्रक्रिया की जानकारी होती है।

उद्योग-व्यापार समाचार 

नॉयलोन के प्रयोग ने सूती कपड़ों की मार्केट पर किस तरह कब्जा कर लिया, दूध के यन्त्रों के लग जाने से डेरी उद्योग को कितना प्रोत्साहन मिला, खादी उद्योग के उत्पादन में कितनी वृद्धि हुई? आदि व्यापारिक समाचारों की सभी समस्याओं या अन्य खबरों की जांच परख संवाददाता करते हैं, क्योंकि माल के उत्पादक और उपभोक्ता सभी के हित में है कि वे स्थिति से भली प्रकार अवगत रहें।


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