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कैमरा के प्रकार और लैंस के प्रकार Types of Camera and Types of Lens

Types Of Camera and Types Of Lens


कैमरा के प्रकार और लैंस के प्रकार Types of Camera and Types of Lens
Types of Camera and Types of Lens


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कैमरा Camera


विश्व का प्रथम photograph 1826 ई. में नौसफोर निप्से द्वारा लकड़ी के फिसलने वाले कैमरे द्वारा लिया गया था, जिसको चार्ल्स व विंसेण्ट ने पेरिस में बनाया था। इस कैमरे से ली गई फोटो कुछ समय बाद धुंधली पड़ गई। इसके बाद 1724 ई. में जॉन हिनरीच सुल्ज ने प्रकाश की उपस्थिति में धुंधले पड़ने वाले चाँदी व चॉक मिश्रित कैमरे का निर्माण किया गया । अरब व ईराक के वैज्ञानिक इब्र अलहैथम ने एक यन्त्र का उपयोग कर प्रकाश सुग्राही कैमरे का निर्माण किया।

इस कैमरे में प्रतिबिम्ब को परदे पर लाने के लिए एक लेंस का उपयोग किया गया। रोजर बेकन ने कैमरे में एक विशेष प्रकार के पदार्थ का उपयोग किया और बादलों की एक धुंधली तस्वीर खींची। 1604 ई. में गणितज्ञ और यन्त्र आविष्कारकर्ता रैनर्स गेमा फ्रीशियस ने इस कैमरे द्वारा सूर्यग्रहण देखने की कोशिश की तथा 1558 ई. में जीबी डेला पोर्त ने तस्वीर खींचने की प्रथम विधि का निर्माण किया।

photographic कैमरे के निर्माण से पहले तस्वीर को हाथ से खींचने की प्रथा थी। पूर्व में कैमरे का आकार एक कमरे के आकार का होता था, जिसमें एक से अधिक लोगों के खड़े होने की व्यवस्था होती थी। धीरे-धीरे कैमरे का आकार छोटा होता गया। प्रथम छोटा और कम भार के कैमरे का जॉनसन ने 1665 में निर्माण किया था।



कैमरा संचालन

कैमरे के एक सिरे पर लेंस होता है तथा दूसरे सिरे पर प्रकाश-ग्रहणशील फिल्म को लगाने का साधन होता है। फोटो खींचने के लिए अधिकांशत: एसएलआर सिंगल लेंस रिफ्लेक्स SLR Single lenc reflex कैमरे काफी पसन्द किए, जाते हैं। ऐसे कैमरों में एक ही लेंस से viewfinder में प्रतिबिम्ब दिखाई देता है और shutter दबाने पर उसी से फिल्म पर प्रतिबिम्ब बनता है।

इस कैमरे के viewfinder में फोटोग्राफर जो कुछ देखता है, वैसा ही चित्र फिल्म पर अंकित होता है। इन कैमरों में photo composition, depth of field भी संयोजित किया जा सकता है। अच्छे कैमरों की उत्तमता उसके लेंस की शक्ति से निश्चित की जाती है। किसी भी कैमरे का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा लेंस ही है। लेंस ही फिल्म पर प्रतिबिम्ब को उकेरता है। लेंस में प्रकाश की किरणों को एक बिन्दु पर एकाग्र करने का गुण होता है। प्रकाश किरणें लेंस से पार होकर दूसरी और एक बिन्दु पर आकर मिलती है। लेंस के इसी गुण से प्रतिबिम्ब बनता है।


Angle of View के अनुसार lens Types


Angle of View के अनुसार, Normal, Wide, व Narrow लेंस होते हैं।

Normal Lens

इस लेंस से जो normal प्रतिबिम्ब बना है, उस लेंस की focus length किसी भी विशिष्ट कैमरा बॉडी के साइज के विकर्ण के बराबर होती है। सामान्यतः 40 मिमी तथा 55 मिमी के लेंस नॉर्मल कहलाते हैं।

Wide Angle Lens

इस श्रेणी में लेंसों का angle view अधिक होता है। किसी विषय को व्यक्ति की आंखें जितना देखती हैं, उससे ज्यादा बड़ा प्रतिबिम्ब इन लेंसों के द्वारा बनता है। इस प्रकार के लेंसों की focus length बहुत कम होती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि विषय व कैमरे की दूरी कम होने के बावजूद भी ये अधिक हिस्से को कवर कर सकते हैं।

जब ऐसी जगह फोटो खींचना हो, जहाँ कैमरे व विषय के बीच दूरी बहुत कम हो तो wide angle lens के प्रयोग से पूरे विषय का फोटो सरलता से खींचा जा सकता है। ये लेंस खास तौर से गतिमान विषयों में groups व action photography के लिए अत्यन्त उपयोगी है।

Narrow Angel Lens

हमारी आंखें किसी विषय का जितना हिस्सा देख सकती हैं, उससे कम का प्रतिबिम्ब इस लेंस द्वारा बनता है। इस लेंस की मुख्य विशेषता यह होती है कि जब विषय दूर होता है और फोटोग्राफर अपना कैमरा लेकर उसके निकट पहुंच कर फोटो नहीं खींच सकता है, तो इस लेंस का प्रयोग किया जाता है।

दैनिक जीवन और खिली धूप की रोशनी के लिए 100 ASA की फिल्म लेनी चाहिए, किन्तु तेज गतिमान विषयों व कम प्रकाश के लिए 400 ASA की film सटीक होती है इसके परिणाम बेहतर आते है।


कैमरे के प्रकार Types of Camera

Compect Digital Camera 

कॉम्पेक्ट कैमरों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वह छोटे हों और वहनीय हों और खास तौर पर casual और snapshot प्रयोग के लिए उपयुक्त हों इसलिए उन्हें point camera भी कहते हैं।

आमतौर पर 20 मिमी से भी कम मोटाई वाले सबसे छोटे कॉम्पेक्ट कैमरों को आम तौर पर इस तरह डिजाइन किया जाता है कि उनका प्रयोग करना सरल हो, उनसे उन्नत किस्म की सुविधाएं प्राप्त हो सकें और उनकी तस्वीरों की गुणवत्ता कॉम्पेक्ट और सरल हो। अधिकांश कॉम्पेक्ट कैमरों में अन्तर्निर्मित फ्लैश होते हैं, जिनकी शक्ति आम तौर पर कम होती है। लागत को कम करने और आकार को छोटा करने के लिए आम तौर पर इन कैमरों में 6 मिमी विकर्ण वाले image sensor का प्रयोग किया जाता है।


Bridge Camera

अन्य प्रकार के कैमरों की अपेक्षा इन कैमरों के सेन्सरों का आकार बहुत बड़ा होता है। इनका विकर्ण आम तौर पर 18 मिमी से 36 मिमी (क्रॉप फैक्टर 2, 1.6 या 1) तक होता है। यह इन्हें उत्कृष्ट निम्न-प्रकाश, एक प्रदत्त छिद्र में कम गहराई वाला क्षेत्र और एक बड़ा आकार प्रदान करता है। प्रत्येक प्रमुख (DSLR) निर्माता विभिन्‍न प्रकार के लेंसों की भी बिक्री करते हैं, जिन्हें खास तौर पर उनके कैमरों में प्रयुक्त करने के विचार से निर्मित किया जाता है। इससे उपयोगकर्ता को अनुप्रयोग वाइड ऐंगल, टेलीफोटो, निम्न प्रकाश इत्यादि के लिए डिजाइन किए गए सबसे उपयुक्त लेंस का चयन करने में आसानी होती है, इसके प्रत्येक लेंस को दर्पण के पीछे अपने ही शटर की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि DLSR में इमेजर के सामने एक फोकस-प्लेन शटर का प्रयोग किया जाता है।

Electronic Viewfinder, अन्तर्परिवर्तनीय लेंस कैमरा

वर्ष 2008 के अन्तिम दौर में एक नई किस्म के कैमरे का आगमन हुआ, जिसमें DSLR कैमरों के अन्तर्परिवर्तनीय लेंसों और बड़े-बड़े सेन्सरों को एक इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइण्डर के माध्यम से या पिछले LCD पर कॉम्पेक्ट कैमरों की लाइव पूर्वावलोकन प्रणाली के साथ जोड़ा गया था। दर्पण बॉक्स को हटा दिए जाने के कारण ये DSLR कैमरों की तुलना में अधिक सरल और अधिक कॉम्पेक्ट होते हैं। वर्ष 2009 तक इस तरह की एकमात्र प्रणाली, माइक्रोफोर थर्ड्स है, जिसके घटकों को फोर थर्ड्स की DSLR प्रणाली से लिया गया है।

Digital Rangefinder 

रेजफाइण्डर , एक उपयोगकर्ता संचालित ऑप्टिकल प्रणाली है, जिसका प्रयोग वस्तुओं की दूरी नापने के लिए किया जाता है, जो कभी फिल्म कैमरों में प्रयोग होता था अधिकांश डिजीटल कैमरे, ध्वनिक या इलेक्ट्रॉनिक तकनीक का प्रयोग करके अपने आप वस्तु की दूरी माप लेते हैं, लेकिन यह कहना उचित नहीं होगा कि उनमें रेंजफाइण्डर है। रेजफाइण्डर संज्ञा का मतलब कभी-कभी रेंजफाइण्डर कैमरा भी होता है।


Line - Scan Camera

लाइन-स्कैन कैमरा एक ऐसा उपकरण है, जिसमें एक लाइन-स्कैन इमेज सेन्सर चिप और एक फोकसिंग क्रियावली होती है। इन कैमरों का प्रयोग प्राय: केवल औद्योगिक स्थानों में चलायमान वस्तु के निरन्तर प्रवाह के पत्र को लेने के लिए किया जाता है। वीडियो कैमरों के विपरित लाइन-स्कैन कैमरों में उनके मैटिक्स के बजाय पिक्सेल सेन्सरों की एक सारणी का प्रयोग होता है। लाइन-स्कैन कैमरे के डेटा में एक फ्रीक्वेन्सी होती है, जिसके अन्तर्गत कैमरा, किसी लाइन को स्कैन करने, इन्तजार करने और दोहराने का कार्य करता है। लाइन-स्कैन कैमरे के डेटा को आम तौर पर एक कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेस किया जाता है, ताकि एक-आयामी लाइन डेटा का संग्रहण और द्वि-आयामी चित्र का निर्माण किया जा सके। उसके बाद औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संग्रहित द्वि-आयामी चित्रों के डेटा को इमेज प्रोसेसिंग द्वारा प्रोसेस किया जाता है।


एकीकरण डिजीटल कैमरा


कई उपकरणों में अन्तर -निर्मित या अन्तर एकीकृत डिजीटल कैमरे होते हैं। मोबाइल फोनों में प्राय: डिजीटल कैमरे शामिल होतें हैं। अन्य छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे- PDA, लैपटॉप और ब्लैकबेरी के उपकरणों में प्राय: कुछ डिजीटल कैमकॉर्डरों को तरह एक अनिवार्य डिजीटल कैमरा होता है। फोटोग्रॉफ संचार का एक माध्यम है।

व्यक्ति मात्र फोटो देखकर ही काफी बातों का अन्दाजा लगा लेता है। फोटो का व्यक्ति के मानस पटल पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। इतना व्यक्ति को सुनकर याद नहीं रहता है, जितना उसकी स्मृति में देखकर छवि बनती है। वह उन बातों को चित्रों के माध्यम से ज्यादा समय तक याद रख सकता है। कैमरों में परिवर्तन आते जा रहे हैं तथा उसके संचालन में भी सरलता आती जा रही है। कैमरा जितना छोटा होता जा रहा है, उसे चलाना उत्तना ही आसान होता जा रहा है।

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